हरिद्वार : योगर्षि स्वामी रामदेव जी ने जो योग क्रांती खडी की है वो गोवा से विश्वभर जानेवाली है। गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद जी सावंत अपनी संस्कृती के लिए समर्पित है। योग, आयुर्वेद के लिए काम करके गोवा में बडा बदलाव लाना चाहते है। गोवा योग की भूमि है तथा इसका नाम गौ-माता पर रखा गया है। दुनिया भर समाधन की जरुरत है। हमारे संस्कृती स्थान ॠषि मुनियों ने बढाकर रखा था। दुनिया भर के लोग यहाँ शिक्षा के लिए आते थे, वो सारी व्यवस्था स्वामी रामदेव जी ने यहाँ खडी कर दी है।

दुनिया भर में स्वामी रामदेवजी ने सनातन संस्कृती का डंका पीठा है। हम सब मिलकर योग, आयुर्वेद ही नही अपि तु ज्योतिष, वेद ये सारे शास्त्रों को आगे ले जाने की जरुरत है। एकता ही, सनातन धर्म ही इसका उत्तर है ये स्वामी रामदेवजी ने सिद्ध करके दिया है। ऐसा उद्बोधन श्री दत्त पद्मनाभ पीठ के पीठाधीश्वर एवं आध्यात्मिक धर्मगुरु पद्मश्री विभूषित धर्मभूषण सद्गुरु स्वामी ब्रह्मेशानंद आचार्य जी ने किया।

सद्गुरु स्वामी ब्रह्मेशानंद आचार्य जी एवं गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोदजी सावंत गोवा में स्पिरिचुअल टूरिज्म को बढावा देने के लेकर हरिद्वार के संतों से मिले। इस दौरान हरिद्वार में पतंजलि योगपीठ पर सद्गुरु स्वामी ब्रह्मेशानंद आचार्य जी और गोवा मुख्यमंत्री जीं का स्वामी रामदेवजीने स्वागत किया। उन्होंने पतंजलि के विविध प्रकल्पों का भ्रमण कर संस्था की वर्तमान सेवा परक गतिविधियों तथा भावी योजनाओं की जानकारी ली।

माननीय गोवा के मुख्यमंत्रीजी ने कहा कि आज देश को आरोग्य के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की आवश्यकता है। पहले हम दवाओं के लिए विदेशों पर निर्भर थे परन्तु पतंजलि ने आयुर्वेदिक औषधियों पर अनुसंधान कर हमें चिकित्सा में आत्मनिर्भर बनने की राह दिखाई है। उन्होंने कहा कि मैं बड़े गर्व से कहता हूँ कि मैं योग का ही साधक नहीं अपितु आयुर्वेद का डॉक्टर भी हूँ। असे विचार गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंतजीने व्यक्त किये।

इस अवसर पर कार्यक्रम में स्वामी रामदेवजी महाराज ने कहा कि आज राजसत्ता व धर्मसत्ता का संगम है। गोवा के प्रख्यात संत विभूती सद्गुरु स्वामी ब्रह्मेशानंद आचार्य जी तथा गोवा मुख्यमंत्री श्री प्रमोद सावंत जी जैसे महापुरुष धर्मसत्ता व राजसत्ता में आ जाएँ तो भारत की प्राचीन ऋषि परम्परा गौरवान्वित होगी। उन्होंने कहा कि धर्मसत्ता व राजसत्ता पर आसीन व्यक्ति को सारी दुनिया देखती है कि ये कैसा जीवन जी रहे हैं, इनकी आइडियोलॉजी क्या है और दुनिया उनका अनुसरण करने लगती है। ऐसा उद्बोधन स्वामी रामदेवजीने किया।

पश्चात् हरिद्वार हरिहर आश्रम में सद्गुरु स्वामी ब्रह्मेशानंद आचार्य जी और गोवा मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोदजी सावंत जी ने जुना आखाडा पीठाधीश्वर एवं देश के शीर्षस्थ आचार्यों के सर्वोच्च संगठन के केंद्रीय सदस्य आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद स्वामी जीं से मिलकर उनके साथ लोक कल्याणकारी तथा आध्यात्म के विविध विषयों पर चर्चा कियी।