Jaipur: कहते हैं न, “असफलता सफलता की पहली सीढ़ी होती है,” अक्षत चतुर्वेदी की कहानी इस बात का सबसे बड़ा उदाहरण है। जयपुर के रहने वाले अक्षत, जो एक साधारण इंजीनियरिंग छात्र थे, उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि एक दिन वह करोड़ों की कंपनी के मालिक बन जाएंगे। लेकिन यह सफर इतना आसान नहीं था। अक्षत को भी वो सब सहना पड़ा, जो शायद किसी भी युवा के लिए मुश्किल भरा होता है—असफलता, ताने, और खुद से संघर्ष।

कैंपस प्लेसमेंट में फेलियर

अक्षत की शुरुआत भी हर दूसरे इंजीनियरिंग छात्र की तरह हुई। वो भी अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद एक अच्छी नौकरी की तलाश में थे। JECRC, जयपुर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे अक्षत को कैम्पस प्लेसमेंट के दौरान Capgemini जैसी बड़ी कंपनी में इंटरव्यू देने का मौका मिला। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। 300 छात्रों में से केवल 5 छात्र पहले राउंड में ही बाहर हो गए थे, और उनमें से एक अक्षत भी थे।

तानों का दौर

प्लेसमेंट में फेल होने के बाद अक्षत को बहुत से ताने सुनने पड़े। दोस्त और परिवार के लोग कहने लगे कि अब नौकरी मिलना मुश्किल है। ऐसे में आत्मविश्वास का टूटना लाजमी था। अक्षत ने भी अपने करियर को लेकर बहुत सी चिंताएं पाल ली थीं, लेकिन तभी एक शख्स था जिसने उन्हें कभी हिम्मत नहीं हारने दी—अक्षत की माँ।

माँ की प्रेरणा से मिली हिम्मत

जब अक्षत निराश थे, उनकी माँ ने उन्हें समझाया कि ये असफलता नहीं, बल्कि एक नया रास्ता है। अक्षत की माँ ने उन्हें हमेशा प्रेरित किया कि वे खुद के लिए कुछ बड़ा करें। माँ के इन शब्दों ने अक्षत को एक नया हौसला दिया और उन्होंने ठान लिया कि वो नौकरी नहीं, बल्कि अपना खुद का बिजनेस करेंगे।

Brain Box Apps की शुरुआत

इस फैसले के बाद, अक्षत ने कुछ दोस्तों की मदद से IT इंडस्ट्री में कदम रखा। शुरुआत आसान नहीं थी। अक्षत ने कई बार सोचा कि शायद उन्होंने गलत फैसला कर लिया है। पैसे की कमी, ग्राहकों की तलाश, और नए बिजनेस में आने वाली चुनौतियों से लड़ते हुए, अक्षत ने जनवरी 2020 में Brain Box Apps नाम की कंपनी की शुरुआत की।

संघर्ष के दिनों की कहानियाँ

शुरुआत में, अक्षत को छोटे-छोटे प्रोजेक्ट्स मिलते थे। फ्रीलांसिंग प्लेटफॉर्म पर काम करके उन्होंने धीरे-धीरे अपने क्लाइंट बेस को बढ़ाया। कई बार अक्षत को लगा कि वो बिजनेस छोड़ दें, लेकिन माँ और पिताजी की मेहनत देखकर उन्होंने हार मानने से इनकार कर दिया। अक्षत के पिताजी प्लास्टिक ग्रेन्यूल्स का एक छोटा सा बिजनेस करते थे, और उनकी मेहनत ने अक्षत को हमेशा प्रेरित किया।

पहला बड़ा ब्रेक

कहते हैं मेहनत का फल देर से ही सही, लेकिन मिलता जरूर है। अक्षत के साथ भी ऐसा ही हुआ। उन्हें एक बड़ी कंपनी से रोबोटिक्स से जुड़ा प्रोजेक्ट मिला। अक्षत ने इस प्रोजेक्ट को पूरी ईमानदारी और मेहनत से पूरा किया, और इसके बाद से उनके क्लाइंट्स की संख्या बढ़ती चली गई। आज, Brain Box Apps 600 से ज्यादा कंपनियों को अपनी सर्विसेज दे रही है और करोड़ों का टर्नओवर कर रही है।

युवाओं के लिए प्रेरणा

अक्षत की ये कहानी हमें सिखाती है कि असफलता ही सफलता की नींव रखती है। अगर अक्षत उस दिन कैंपस प्लेसमेंट में फेल नहीं होते, तो शायद आज वो Brain Box Apps जैसी सफल कंपनी के मालिक नहीं होते। उनकी जिद, मेहनत, और माँ की प्रेरणा ने उन्हें वो बना दिया जो आज वो हैं—एक सफल उद्यमी।

तो अगर आप भी कभी किसी असफलता का सामना कर रहे हैं, तो याद रखें, यही असफलता आपको एक नई दिशा दिखा सकती है। बस हिम्मत बनाए रखें और कभी हार न मानें!