Mumbai : इस साल की शुरुआत में हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी ग्रुप पर जो खुलासे किए थे, उसकी याद ताज़ा करते हुए, अब हेयर केयर इंडस्ट्री में एक बड़ा भूचाल आया है। इस बार निशाने पर हैं तथाकथित ‘आदिवासी हेयर ऑयल’ और इनके प्रचार में लगे बड़े-बड़े सेलिब्रिटीज़। जाने-माने ट्राइकोलॉजिस्ट और हेयर ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. अशोक सिन्हा के एक वीडियो ने इस इंडस्ट्री की नींव हिला दी है।
क्या है इस वीडियो में?
डॉ. सिन्हा ने अपने वीडियो में आदिवासी हेयर ऑयल के निर्माण, मार्केटिंग और सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट से जुड़े कई गंभीर सवाल उठाए हैं। उनके मुताबिक, ये तेल अक्सर एफडीए मानकों का उल्लंघन करते हुए एल्युमिनियम के बर्तनों में बनाए जाते हैं, जो बालों और स्कैल्प के लिए बेहद हानिकारक हो सकते हैं। इसके अलावा, इन तेलों में मिलावट और झूठे दावों का भी गंभीर आरोप है। डॉ. सिन्हा का सबसे बड़ा आरोप यह है कि कई सेलिब्रिटीज़, जो खुद इन तेलों का इस्तेमाल नहीं करते, उन्हें प्रमोट कर लोगों को गुमराह कर रहे हैं।
हिंडनबर्ग रिसर्च जैसा असर
जिस तरह हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट ने अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट का कारण बना था, उसी तरह डॉ. सिन्हा की इस रिपोर्ट ने भी आदिवासी हेयर ऑयल इंडस्ट्री की नींव हिला दी है। इस रिपोर्ट के बाद से कई लोगों ने इन तेलों का इस्तेमाल बंद कर दिया है और सोशल मीडिया पर कंपनियों और सेलिब्रिटीज के खिलाफ गुस्सा फूट पड़ा है।
क्या होगा आगे?
डॉ. सिन्हा की रिपोर्ट के बाद सरकार और संबंधित एजेंसियों पर इस मामले में कार्रवाई करने का दबाव बढ़ गया है। क्या अब आदिवासी हेयर ऑयल के नाम पर चल रहे इस गोरखधंधे पर लगाम कसी जाएगी? क्या सेलिब्रिटीज अपनी सफाई देंगे या फिर चुप्पी साधे रहेंगे? क्या उपभोक्ताओं को उनका पैसा वापस मिलेगा? ये कुछ ऐसे सवाल हैं जिनके जवाब आने वाले समय में ही मिलेंगे। लेकिन एक बात तो तय है, डॉ. सिन्हा की रिपोर्ट ने हेयर केयर इंडस्ट्री में एक बड़ा भूचाल ला दिया है और अब ‘आदिवासी हेयर ऑयल’ का पोस्टमार्टम होना तय है।