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Nohara Music द्वारा रिलीज किया : गायक लोकेश कुमार की आवाज में धमाकेदार राजस्थानी लांगुरिया लोकगीत

Nohara Music

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Nohara Music: राजस्थान की संस्कृति और लोकगीतों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए Nohara Music (नोहरा म्यूजिक) ने एक नया राजस्थानी लांगुरिया भजन गाना “गिरगो बाजूबंद मेरी नाचती को – बाजूबंद लांगुरिया” का रिलीज किया है। यह गाना राजस्थान के लोकप्रिय गायक लोकेश कुमार द्वारा गाया गया है और इसके गीतकार हैं नीरज टाइगर।

नोहरा म्यूजिक ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया नए राजस्थानी लांगुरिया गाने से
नोहरा म्यूजिक ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया नए राजस्थानी लांगुरिया गाने से

“गिरगो बाजूबंद मेरी नाचती को – बाजूबंद लांगुरिया” का वीडियो निर्देशक और निर्माता भरत गुर्जर उर्फ भरत कसाना हैं। गाने की रिकॉर्डिंग म्यूजिक को देव रिकॉर्डिंग स्टूडियो, कोटा में की गई है।

“गिरगो बाजूबंद मेरी नाचती को – बाजूबंद लांगुरिया” के म्यूजिक वीडियो में नजर आने वाले डांसर कलाकार माही अलवर और पम्मी खटाना ने अपने जबरदस्त नृत्य से दर्शकों को मोह लिया है। इन दोनों कलाकारों की लहराती तालियों और मोहक अदा ने गाने को और भी रंगीन बना दिया है।

"लोकेश कुमार का नया लोकगीत 'बाजूबंद लांगुरिया' सोशल मीडिया पर वायरल"
“लोकेश कुमार का नया लोकगीत ‘बाजूबंद लांगुरिया’ सोशल मीडिया पर वायरल”

Nohara Music (नोहरा म्यूजिक) द्वारा रिलीज “गिरगो बाजूबंद मेरी नाचती को – बाजूबंद लांगुरिया” को सोशल मीडिया पर वायरल होते देखा गया है। लोगों ने इस गाने को धूमधाम से स्वीकारा है और उनके प्रतिक्रियाएं गाने को प्रशंसा की ओर इशारा करती हैं।

यह गाना राजस्थान की लोकप्रिय राशिया संस्कृति को अपने साथ लेकर लोगों के दिलों में बस गया है। गायक लोकेश कुमार के बेहतरीन अदाओं ने गाने को और भी खास बना दिया है और इसे लोग बार-बार सुनने का मन बना रहे हैं।

Nohara Music (नोहरा म्यूजिक के संयोजक भरत गुर्जर उर्फ भरत कसाना ने इस गाने के रिलीज के साथ बताया कि राजस्थान के लोकप्रिय लांगुरिया गीतों को नए रूप में पेश करने का उद्देश्य रहता है और यह गाना भजन के रूप में गाया गया है, जो लोगों को मन भावना में ले जाएगा।

भरत गुर्जर उर्फ भरत कसाना
भरत गुर्जर उर्फ भरत कसाना

लोकगीत लांगुरिया क्या है?

लंगुरिया एक प्रसिद्ध लोकगीत है जो भदावर और करौली नामक स्थानों में गाया जाता है। इस लोकगीत में चंबल की माटी की सौंधी-सौंधी गंध महकती है। यह लोकगीत करौली की कैलादेवी की स्तुति में गाया जाता है और इसमें लांगुरिया-कालभैरव को सम्बोधित किया जाता है। राजस्थान के कैला देवी के मेले में मीणा और गुर्जर जाति के लोग ‘घुटकन/लांगुरिया नृत्य’ करते हैं।

इस लोकगीत में भक्ति और श्रद्धा के भाव छलकते हैं, और इसमें नाट्य भावना के अन्तर्गत संवाद भी सुनाई पड़ते हैं। भारतीय लोक संस्कृति में लांगुरिया का विशेष स्थान रहा है और देवी की स्तुति को अलग-अलग नामों से जाना जाता है।

लोकेश कुमार ने पेश किया रोमांटिक राजस्थानी गाना: 'गिरगो बाजूबंद मेरी नाचती को - बाजूबंद लांगुरिया'
लोकेश कुमार ने पेश किया रोमांटिक राजस्थानी गाना: ‘गिरगो बाजूबंद मेरी नाचती को – बाजूबंद लांगुरिया’

इस गाने के रिलीज से पहले ही इसके प्रेमियों में बड़ी उत्सुकता देखी जा रही थी, और इसके सफलता के साथ लोग इसे और भी ज्यादा पसंद कर रहे हैं। राजस्थान की धरोहर और लोकप्रिय संस्कृति को समर्थित करने के लिए लोग इसे तारीफ कर रहे हैं और इसे सोशल मीडिया पर वायरल होने पर उत्साहित कर रहे हैं।

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